दिल्ली में कथित तौर पर बलात्कार और हत्या की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उसके परिजनों की आवाज़ बनना सराहनीय है, लेकिन उनकी पहचान जाहिर करना सही नहीं. किसी और ने नियमों के खिलाफ जाकर ऐसा कर दिया तो इसका मतलब यह नहीं कि राहुल गांधी भी ऐसा कर दें. फिर तो जिम्मेदारी के भाव और गैरजिम्मेदारी के रवैये में कोई अंतर नहीं रह जाएगा.