प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर बीजेपी सांसदों की क्लास ली है। पीएम मोदी ने पार्टी सांसदों की एक बैठक में सांसदों को सरकार के काम जनता तक ले जाने की हिदायत दी। लेकिन आखिर एक प्रधानमंत्री को बार-बार अपने सांसदों से यह कहने की ज़रूरत क्यों पड़ रही है कि हमारे अच्छे काम लोगों को बताएं? क्या सरकार और पार्टी के सिस्टम में कमज़ोरी है कि उनके काम का गुनगान लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है? 2014 का चुनाव हारने पर कांग्रेस ने भी यही कहा था कि उनकी उपलब्धियां वो लोगों तक नहीं पहुंचा पाए। तो क्या पीएम मोदी और बीजेपी यही ग़लती दोहरा रही है?