डीकिन यूनिवर्सिटी के रवनीत पाहवा के अनुसार भारत की कुल आबादी में से इस समय केवल करीब 5% लोग ही स्किल्ड हैं। ऐसे में देश में स्किलिंग की ज़रूरत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि भारत को भविष्य के रोजगार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के लिए स्किल डेवलपमेंट को ग्रासरूट लेवल से लेकर पिरामिड के टॉप तक मजबूत करना जरूरी है।