2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की बेरहमी से हत्या करने के दोषी 11 लोगों के जेल से बाहर आने के लगभग 2 महीने बाद सामने आया है कि गुजरात राज्य सरकार और केंद्र ने उनकी रिहाई को मंजूरी देने के लिए उठाई गई आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया था. केंद्र ने गुजरात के राय मांगने के दो सप्ताह के भीतर रिहाई को मंजूरी दे दी थी. सीबीआई और विशेष सीबीआई न्यायाधीश दोनों ने रिहाई का विरोध किया था.