भारत में विश्व में होने वाले सॉयल ट्रांसमिटिड हेलमेंस का सबसे ज्यादा बोझ है. सॉयल ट्रांसमिटिड हेलमेंस को हिंदी में मृदा-संचारित हेलमिंथिसिस कहते हैं. इसका संबंध उन कीड़ों से है जो बच्चों के पेट में होते हैं. इस बीमार से छुटकारा पाने के लिए आज यानी 10 फरवरी को नेशनल डी वार्मिंग डे माना जाता है. खासतौर से कुपोषण के लिए बदनाम आदिवासी अंचल में बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते स्वास्थ्य विभाग द्वारा 10 फरवरी को नेशनल डी-वार्मिंग डे मनाया जाएगा. इस दौरान बच्चों में आयरन की कमी दूर करने के लिए जरूरी खुराक के साथ-साथ एक साल से लेकर 19 साल तक सभी बच्चों को पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए एलवेंडाजोल दवा पिलाई जाएगी. अभियान के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूलों पर फोकस रहेगा.