17 साल की अंशू के दिल में छेद था. इसी वजह से इलाज के लिए वह अपने परिवार के साथ दिल्ली एम्स अस्पताल के बाहर 4 महीने से रह रही थी. इसके बाद एनडीटीवी ने अंशू की खबर को टीवी पर दिखाया और उसके बाद गुड़गांव का नारायणा अस्पताल मदद के लिए आगे आया. नारायणा अस्पताल ने अंशू का मुफ्त में इलाज भी किया और रहने की जगह भी मुहैया कराई. अब अंशू एक दम स्वस्थ है.