केरल के कन्नूर जिले में होने वाली राजनीतिक हत्याएं बेलगाम होती जा रही हैं। लोकतंत्र के भविष्य के लिए ज़रूरी है कि हम ऐसी हिंसा पर नज़र रखें और कन्नूर को ख़ूनी प्रयोगशाला बनने से रोका जाए। इन हत्याओं में शामिल होने का आरोप सीपीएम और आरएसएस पर बारी-बारी से लगता रहता है। जरूरी है कि अब इन दोनों पक्षों से सख्त सवाल किए जाएं।