साल खत्म हो गया है लेकिन नफरत खत्म नहीं हुई है. साल के आखिरी महीने में 'धर्म संसद' के नाम पर नफरत फैलाई गई. 'धर्म संसद' के मंच पर कुछ नफरती गैंग के लोगों ने ये नफरत फैलाई, फिर चाहे वो हरिद्वार हो या रायपुर...भाषण कुछ इस तरह के दिए गए कि भारतीय संविधान के हिसाब से ये तुंरत दंडनीय अपराध हो जाना चाहिए था.