मुंबई में 90 फीसदी से ज्यादा कोरोना के मामले इमारतों से बताए जा रहे हैं. इस मरीजों को बेड प्राइवेट अस्पतालों में ही चाहिए. निजी अस्पताल बेहद दबाव में हैं.
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