किसी भी हादसे और वारदात के मौके पर मुंबई पुलिसकर्मियों को सीपीआर की तीन दिन की ट्रेनिंग दी जा रही है. सीपीआर किसी शख्स को तब दिया जाता है जब उसे अचानक से हार्ट अटैक आ जाए. ये जान बचाने की बेसिक ट्रेनिंग है. करीब तीन दिनों तक चलने वाले इस ट्रेनिंग सेशन में मुम्बई पुलिस के अधिकारियों को यह सिखाया जाएगा कि किसी भी व्यक्ति को वो सीपीआर मदद कैसे पहुंचा सकते हैं.