'बाज़ार' कहानी है छोटे शहर में रहने वाले जावेद की जिनकी आखों में बड़े सपने हैं. इलाहाबाद से निकलकर वो अपने आइडल स्टॉक ब्रोकर शकुन कोठारी के साथ काम करना चाहता है और उसी की तरह शोहरत पाना चाहता है. जुनूनी जावेद एक-एक कर सीढ़ियां चढ़ता है और उसका सपना पूरा होता है. मगर उसको ये अंदाजा नहीं कि शेयर बाजार के शोर में उसकी आवाज कहीं खोने जा रही है. शकुन कोठारी सिर्फ पैसे की बोली समझता है और उसके लिए जज्बातों का कोई मोल नहीं. दूसरी ओर जावेद जज्बातों को अहमियत देता है. पैसे और जज्बात की ये जंग जन्म देती है इस स्टॉक मार्केट ड्रामा 'बाज़ार' को.