मोरक्को में चल रहा जलवायु परिवर्तन सम्मेलन शुक्रवार देर रात इस वादे के साथ खत्म हुआ कि पेरिस समझौते को लागू करने के कायदे 2018 तक बना लिए जाएंगे और इसमें पारदर्शिता बरती जाएगी. भारत ने विकसित देशों से दोहा समझौते को लागू कर तुरंत अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने को भी कहा लेकिन ये सम्मेलन कई सवाल छोड़ गया है. खासतौर पर अमीर देशों के रवैये और भारत का ढुलमुल रवैया ग्लोबल वॉर्मिंग से लड़ने के रास्ते अब तक की सारी मेहनत बेकार कर सकता है.