दिल्ली नगर निगम में टोल टैक्स के टेंडर में देरी की वजह से करोड़ों रुपये की चपत लग रही है। विपक्ष का आरोप है कि टोल टैक्स वसूलने में लगी कंपनी का ठेका बिना टेंडर के इस वजह से बढ़ाया गया, क्योंकि कंपनी बीजेपी के बड़े नेता की है। वहीं निगम का कहना है कि चुनाव की वजह से देरी हुई है।