महाराष्ट्र सरकार नया विधेयक लाकर 10 वीं तक मराठी की पढ़ाई को अनिवार्य करने जा रही है. महाराष्ट्र में ऐसे लगभग 25 हजार विद्यालय हैं जहां अबतक मराठी की पढ़ाई नहीं होती है. हालांकि सरकार के इस कदम का छात्रों और शिक्षकों की तरफ से मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है.