मराठा आरक्षण के लिए आमरण अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने 27 दिन बाद अपना अनशन वापस ले लिया. लेकिन इसके लिए खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मनोज जरांगे से मिलने जालना जाना पड़ा. बहरहाल, अनशन खत्म होने से राज्य सरकार को राहत तो मिली है लेकिन मराठा समाज आरक्षण देने की चुनौती बनी हुई है.