महाराष्ट्र में हर साल दीपावली के बाद हजारों की संख्या में लोग दूसरे इलाकों में गन्ना खेतों में मजदूरी करने आते हैं, लेकिन इससे इनके बच्चों (children of migrant laborers) की पढ़ाई ठप हो जाती है. ऐसे में सांगली जिले में खेतों में ही स्कूल खोले जा रहे हैं. इसमें आंगनवाड़ी सेविकाओं की मदद ली जा रही है. सभापति भूमिका बेरगल का कहना है कि इससे बच्चों की पढ़ाई जारी रखी जा सकती है. अकेले बीड जिले से ही हर साल पांच लाख मजदूर पश्चिमी महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु मजदूरी करने जाते हैं.