कोरोना के वक्त जब लोग घर में बैठे थे तब सैंपल लेने से लेकर संक्रमितों का इलाज करने कोरोना योद्धा आगे आए. मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें मान सम्मान देने का ऐलान कर दिया. लेकिन साल भर पहले उनकी नौकरी छीन ली. एक साल से ये मध्यप्रदेश में आंदोलन कर रहे हैं लेकिन इनकी संविदा नियुक्ति के आदेश जारी नहीं हुए.