बीकेपी चनसौरिया नाम के शख्स ने अपनी दिवंगत पत्नी वंदना चनसौरिया की याद में राधे-कृष्ण का मंदिर बनवाया. उन्होंने बताया कि चित्रकूट में मंदिर बनाने का विचार उनकी पत्नी का था लेकिन उसी समय उनकी मृत्यु हो गई. 13 मई 2017 को बीकेपी चनसौरिया ने मंदिर बनाने का संकल्प लिया और अब तक अपनी 32 साल की पूरी कमाई (1.5 करोड़) मंदिर निर्माण में लगा दी है.