मार्च में बारिश और ओले ने मध्यप्रदेश में किसानों को रूलाया तो सावन में बादल बरसे ही नहीं. भोपाल सहित 11 जिले ऐसे हैं जहां 30-46 प्रतिशत तक कम बरसात हुई है. रूठे मानसून के बीच बिजली संकट भी गहरा गया है. धान, सोयाबीन पर संकट आ गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक के बाद महाकाल के दरबार में भी बारिश के लिए अर्जी लगाई है.