रवीश कुमार का प्राइम टाइम: किसानों को लाखों की चपत लगाकर चले गए व्यापारी

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  • प्रकाशित: सितम्बर 10, 2021
कांट्रेक्ट फार्मिक को सारे रोगों की दवा बताने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने होशंगाबाद के पिपरिया का उदाहरण दे दिया. अचानक से पिपरिया एक मॉडल बन गया. फिर पता चला कि वहां के किसानों ने जिस फॉर्चून कंपनी से धान के लिए अनुबंध किया था कंपनी ने धान ही नहीं खरीदा.

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