केंद्र सरकार ने 2 साल पहले "पोषण ट्रैकर" ऐप लॉन्च किया, जिसका मकसद था कि कम वजन वाले बच्चों की पहचान और पोषण सेवा को बेहतर बनाना, लेकिन इसी ऐप ने बताया कि मध्य प्रदेश में लाखों बच्चों को नाश्ता और गर्म खाना नहीं मिल रहा है, यहां तक कि हज़ारों आंगनबाड़ी केन्द्र खुल ही नहीं रहे हैं. खुद ये रिपोर्ट महिला बाल विकास विभाग ने जारी की, लेकिन इस बारे में सवाल पूछने पर सरकार ने कहा कि मामला वितरण में गड़बड़ी का नहीं, तकनीक में खामी का है.