Kushalta Ke Kadam: उत्तर–पूर्व की पहाड़ियों से लेकर तेलंगाना के गांवों तक, उषा सिलाई स्कूल ने हजारों महिलाओं की ज़िंदगी बदल दी है। यह वीडियो शुक्ला देश, रबीना राभा और चुका माधवी जैसी महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियाँ बताता है—वे महिलाएँ जिन्होंने घरेलू हिंसा, गरीबी, सामाजिक बहिष्कार और हताशा जैसे संघर्षों का सामना करते हुए सिलाई मशीन के धागों से न सिर्फ कपड़े सिले, बल्कि अपनी टूटी पहचान, आत्मविश्वास और जीवन को भी फिर से जोड़ा। शुक्ला ने मानसिक पीड़ा से उठकर मास्टर ट्रेनर और डिजाइनर बनने तक की यात्रा तय की, रबीना ने पति की मौत और समाज की ठुकराहट से उबरते हुए अपना सिलाई स्कूल शुरू किया, और माधवी ने खेत में मजदूरी और शराबी पति के बीच सिलाई सीखकर अपने पूरे परिवार का भविष्य बदल दिया। इन कहानियों में सिलाई केवल एक कौशल नहीं—यह आत्मनिर्भरता, गरिमा, आर्थिक आजादी और उम्मीद का साधन है। उषा इंटरनेशनल और सर्वोदय यूथ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा चलाया जा रहा यह कार्यक्रम साबित करता है कि जब महिलाओं को सही प्रशिक्षण, उपकरण और अवसर मिलते हैं, तो वे सिर्फ कपड़े नहीं, बल्कि खुद का और अपने समुदाय का भविष्य भी गढ़ सकती हैं। यह वीडियो महिला सशक्तिकरण, साहस और सकारात्मक बदलाव की उन कहानियों का उत्सव है जो दिल को छू जाती हैं और प्रेरणा देती हैं।