सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों (Farm laws) पर रोक के साथ इन पर चर्चा के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन भी किया है. किसानों का कहना है कि ये समिति के सदस्य कानूनों के समर्थक हैं. बीकेयू नेता भूपिंदर सिंह मान कुछ संशोधनों के कानून के पक्ष में हैं. कृषि अर्थशास्त्री कानूनों को सही दिशा में कदम हैं. आईएफआरआई साउथ एशिया के निदेशक प्रमोद कुमार जोशी कहते हैं कि एमएसपी पर कानून नहीं बनना चाहिए. कांट्रैक्ट फार्मिंग सबके फायदे की बात है. वहीं शेतकारी संगठन के प्रमुख अनिल घनवत का कहना है कि संशोधन करें पर कानूनी वापसी जरूरी नहीं है. विपक्ष भी इन सदस्यों को लेकर सवाल उठा रहा है. किसान नेता दर्शनपाल सिंह का कहना है कि ये देरी करने का तरीका है.