गोपीनाथ मुंडे के राजनीतिक संघर्ष की शुरुआत छात्र आंदोलन से हुई। छात्र राजनीति से निकले मुंडे बार-बार सड़क पर उतरते रहे। लेकिन दो बड़े आंदोलनों ने उनकी राजनीति की दिशा बदल दी। इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के खिलाफ मुंडे ने संघर्ष किया। इसी दौर में प्रमोद महाजन से दोस्ती भी हुई। इस दोस्ती ने मुंडे को आरएसएस के नजदीक ला दिया। दूसरा दौर था मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी के नाम बदलने को लेकर हुए संघर्ष की।