आतंकवादियों ने पिछले साल फौजी औरंगजेब की हत्या करके एक तरह से घाटी के नौजवानों को सेना से दूर रहने के लिए धमकाया था. लेकिन हुआ उल्टा ही है. घाटी के नौजवान फौज में आने के लिये उतावले हो रहे हैं. औरंगजेब के भाई के दो भाई प्रादेशिक सेना में शामिल हुए हैं. दोनों बेटों के प्रादेशिक सेना में शामिल होने के बाद हनीफ़ कहते हैं कि वो अपने बेटे औरंगज़ेब की मुहिम को पूरा कर रहे हैं. सेना में जवान औरंगज़ेब को 13 महीने पहले ईद से ठीक पहले, आतंकियों ने पुलवामा से अगवा किया और बेरहमी से मार डाला था. अधिकारी बताते हैं कि बीते साल जून में औरंगज़ेब की हत्या के बाद इलाक़े के 11,000 नौजवान सेना की भर्ती सभाओं में आए हैं. इन नौजवानों को परिवार और समाज का भारी समर्थन मिल रहा है.