करगिल की कहानियां हौसले और बलिदान की कहानियां हैं.वो याद दिलाती हैं कि कैसे हमारी जांबाज़ सेना ने जान की बाज़ी लगा कर देश की सरहदों की रक्षा की.इन जांबाज़ वीरों में एक थे कैप्टन विजयंत थापर.उन्होंने हमले से दो घंटे पहले परिवार को चिट्ठी लिखी थी.विजयंत थापर की मां को याद है अपने बेटे का जज़्बा...