2013 से 2016 के बीच देश के सारे शेयर बाजार को NSE चला रहा था या फिर हिमालय में बैठा कोई योगी चला रहा था. ये मुद्दा इसलिए सुर्खियों में आया क्योंकि सेबी ने एक आदेश जारी कर कहा कि 2013-16 के बीच NSE की सीईओ चित्रा रामकृष्ण एक योगी के जरिए पूरे शेयर बाजार की नीतियां तैयार कर रही थीं.