परमाणु की कहानी 11 और 13 मई 1998 के पोखरन न्यूक्लियर टेस्ट के इर्द -गिर्द घूमती नजर आती है. जहां अमेरिका को गच्चा देकर भारत एक न्यूक्लियर देश के तौर पर उभरा है. यह फिल्म इस घटना से प्रेरित जरूर है पर इसे काफी हद तक काल्पनिक जामा भी पहनाया गया है. फिल्म की कहानी में अश्वत रैना एक इंजिनियर-ब्यूरोक्रैट और फौजी का बेटा है जिसकी एक पत्नी और एक बच्चा है. अश्वत देशभक्त है और देश के लिए कुछ करना चाहता है. पड़ोसी देश एक के बाद एक न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है, एक ब्यूरोक्रैट मीटिंग के तहत अश्वत प्रस्ताव रखता है कि भारत को भी अब एक न्यूक्लियर देश होना चाहिए और उसने इसकी रूप-रेखा भी तैयार की हुई है.