दिल्ली पुलिस जितेंद्र तोमर को यूपी के राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय ले गई, जहां से उन्होंने बीएससी की डिग्री लेने का दावा किया था, लेकिन तोमर न तो पुलिस को विश्वविद्यालय का फिजिक्स लैब दिखा सके और न ही उन शिक्षकों को पहचान सके, जिन्होंने 1987-1988 के बीच बीएससी के छात्रों को पढ़ाया था।