झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवासी मजदूरों से जुड़े सवाल पर कहा, 'हम पहले दिन से ही इसपर होमवर्क कर रहे थे. केंद्र सरकार से जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई, हमने फौरन राज्य में दो कंट्रोल रूम बनाए, जहां 24*7 100-100 लोग काम कर रहे थे. एक राज्य के अंदर फंसे मजदूरों के लिए और दूसरा राज्य के बाहर फंसे लोगों के लिए. हमने लोगों से संपर्क साधना शुरू किया. नोडल अफसर बनाया. ये हमारे लिए बहुत बड़ा चैलेंज था.'