जम्मू-कश्मीर के एक फार्मासिस्ट को जांच अधिकारी ने फर्जी दस्तावेज के सहारे आतंकवाद के आरोप में फंसा दिया. 8 महीने बाद फार्मासिस्ट जमानत पर जेल से बाहर आए हैं. फार्मासिस्ट का नाम जहूर अहमद है. जज ने अपने आदेश में पुलिस को काफी फटकार भी लगाई. अदालत ने कहा कि किसी भी गवाह ने जहूर पर लगाए गए आरोपों को सही नहीं बताया. जांच अधिकारी को जहूर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.