यमुना का जलस्तर बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली फिलहाल बाढ़ की चपेट में है. लेकिन ये दिल्ली का दर्द नहीं है. ये यमुना का अपना दर्द है, जो ऐसे छलक पड़ा है. यही दर्द तटबंध तोड़कर सड़कों पर बह रहा है. ये दर्द एक मरती नदी की छटपटाहट है. दिल्ली यमुना का गला दबाती रही है. यमुना पर ये सितम सदियों से हो रहा है. नतीजतन नदी अपनी जान बचाने के लिए वापस लड़ रही है.