उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि यूपी सरकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करे. सोशल मीडिया पर मजाक करना उनके लिए महंगा पड़ गया. भले ही उनकी बातें आपत्तिजनक रही हों लेकिन क्या उनके खिलाफ जो कार्रवाई की गई वो सही थी? इस मुद्दे क्या कहना है दिल्ली की जनता का, देखिए पक्ष विपक्ष में.