यह खबर सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए रक्षा समझौते से जुड़ी है, जिसका ईरान ने अप्रत्याशित रूप से स्वागत किया है। इस डील को 'मुस्लिम नाटो' की तर्ज पर देखा जा रहा है, जिसका सीधा मकसद इज़रायल की बढ़ती आक्रामकता को रोकना है। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजेशकियान ने इसे मुस्लिम राष्ट्रों की एकता की दिशा में एक मजबूत कदम बताया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्रेटर इज़रायल के खतरे ने ही सऊदी और पाकिस्तान को साथ आने पर मजबूर किया है, लेकिन इस गठबंधन की सफलता के लिए ईरान का शामिल होना निर्णायक होगा, क्योंकि उसके पास इज़रायल से लड़ने का सीधा अनुभव है, जो कि अधिकांश अमीर अरब देशों की कमजोर सेनाओं के पास नहीं है।