पठानकोट हमला भारत पाकिस्तान के बीच बातचीत शुरू होने के फौरन बाद हुआ है। जैसा कि तमाम जानकारों को अंदाजा था। इसलिए भी कि हमला होते ही भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत बंद हो जाती है, इसलिए जिहादी गुट बातचीत शुरू होते ही हमले की तैयारी करने लगते हैं। अगर बातचीत बंद होती है तो सबसे ज्यादा फायदा आतंकी गुटों को होता है। अब इस हमले के बाद सवाल है कि जनवरी में विदेश सचिव स्तर की जो मुलाकात होनी थी वो होगी या नहीं। सौजन्य : पीटीवी वर्ल्ड