यह कबसे तय हो गया कि 15 अगस्त को झंडा फहराने के कार्यक्रम का वीडियो बनाकर भेजना होगा. अगर यह सरकार का फैसला है तो सभी प्रकार के स्कूलों के लिए होना चाहिए था. सिर्फ मदरसा बोर्ड के स्कूलों को क्यों कहा गया की वे तस्वीरें, वीडियो भेजेंगे, वो भी ईमेल से. जबकि दूसरे स्कूलों को तस्वीर या वीडियो भेजने की बाध्यता नहीं है. मध्य प्रदेश से अनुराग द्वारी की यह रिपोर्ट देखिए और फिर सोचिए कि क्या इसके ज़रिए एक समुदाय को ऑफिशियल तरीके से टारगेट नहीं किया जा रहा है, जबकि उस समुदाय का भी आज़ादी की लड़ाई में बराबर का योगदान रहा है. हर मौके पर योगदान रहा है. आखिर इससे हासिल क्या होगा, क्या इस तरह से आदेश इसलिए जारी किए जा रहे हैं ताकि स्टेट के पास किसी समुदाय पर शक करने का अधिकार बना रहे.