हर साल 15 अगस्त हमें ज़िम्मेदारियों का अहसास कराता है. अहसास इस बात का कि हज़ारों कुर्बानियों के बाद जो स्वतंत्रता मिली है. उसकी रक्षा में कोई कसर बाकी ना रह जााए. इसलिए आज हम आज़ादी के रखवालों की बात कर रहे हैं. हम आपको उन नायकों से मिलवाने जा रहे हैं जिनके पास कोई बड़ा ओहदा नहीं होता, लाल बत्ती नहीं होती, बैंक बैलेंस नहीं होता, बड़ी गाड़ी नहीं होती लेकिन देश और समाज के लिए कुछ कर गुज़रने का जज्बा बेजोड़ होता है. ये रिपोर्ट देखिए.