Inda-US Tariffs: वैसे ये सारा खेल कूटनीतिक रिश्तों की बारीकियों का है..क्योंकि भारत लगातार ये कहता है कि कूटनीति में कोई भी परमानेंट दुश्मन और दोस्त नहीं होता...बल्कि परमानेंट इंटरेस्ट होते हैं...और ये भी सही है कि भारत को चीन का इतिहास और वर्तमान दोनों पता है...जैसे ही SCO समिट से मोदी निकले...उसके अगले ही दिन जिनपिंग और पाकिस्तान के जनरल आसिम मुनीर की मुलाकात हुई...चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के वजीर ए आजम शहबाज शरीफ एक दूसरे मिले...चीन ने एक बार फिर दोहराया कि वो पाकिस्तान जैसे दोस्त को कभी नहीं छोड़ सकता ..इसे समंदर से गहरी दोस्ती बताया...और तीसरी तस्वीर और चौंकानेवाली थी..जिसमें शहबाज शरीफ ने पुतिन से मुलाकात की..ये माना कि भारत के साथ आपके साथ शानदार ताल्लुकात हैं..ये बने रहें..मगर हम को भी तो मौका दीजिए...हम भी आपके काम आ सकते हैं.