निर्भया रेप और मर्डर केस में दोषी पवन के नाबालिग होने का दावा सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. इससे पहले दोनों पक्षों के बीच बहस हुई. दिल्ली पुलिस की ओर से एसजी तुषार मेहता ने दलील दी कि पवन घटना के समय नाबालिग नहीं था. पवन का जन्म प्रमाण पत्र दाखिल किया गया था. इसके आधार पर ही साफ हुआ कि वह नाबालिग नहीं है. दोषियों ने पुलिस के जांच अफसर की 2013 की रिपोर्ट का विरोध नहीं किया. तुषार मेहता ने आगे कहा कि पुलिस ने जनवरी 2013 में उम्र का वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट दाखिल किया. उसके माता-पिता ने भी इसकी पुष्टि की थी. नाबालिग होने का दावा कभी भी किया जा सकता है. वहीं बचाव पक्ष का कहना था कि पवन को फंसाने के लिए बड़ी साजिश रची गई है. पीड़िता ने पवन का नाम नहीं लिया था.