राहुल गांधी की डोकलाम संकट को लेकर 2017 में चीनी राजदूत के साथ मुलाकात को याद करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन पर कटाक्ष किया और कहा कि वह सीमा की स्थिति के बारे में जानने के लिए सैन्य अधिकारियों के पास जाएंगे, न कि किसी अन्य देश के दूत के पास. उन्होंने कहा, "चीन ने 1962 में यह जमीन ले ली थी, लेकिन ऐसा आभास देंगे कि जैसे यह कल परसों हुआ है. लोग कहते हैं कि आपकी सोच में कमी है, मेरी सोच में कमी हो सकती है, लेकिन मुझे पता है कि मुझे कहां जाना है, मैं अपने मिलिट्री लीडरशिप, फौज या इंटेलीजेंस से बात करूंगा, चीनी राजदूत को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता."