हिंदुस्तान टाइम्स के पॉलिटिकल एडिटर विनोद शर्मा का कहना है कि वो सेंसरशिप पर हैरान हैं। उनका कहना है कि समझ नहीं आता कि राजनीतिक समाज इस तरह से क्यों सोचता है। उन्होंने 1980 में फांसी की सज़ा पाए बिल्ला के इंटरव्यू की बात बताई और कहा कि उस वक्त इंटरव्यू को पत्रकारिता में मिसाल माना जाता था।