हम अब एक ऐसे दौर में जा रहे हैं जहां कोई भी हादसा हो सबसे पहले उसे रिकॉर्ड करने के लिए मोबाइल फोन निकालते हैं. मदद की बात बाद में आती है. लेकिन श्रीनगर में एक प्रेस फोटोग्राफर ने ऐसी ही एक स्थिति में अपने काम से ज़्यादा इंसानियत को तरजीह दी. इस फोटोग्राफ़र की जमकर तारीफ़ हो रही है.