सरकार के दो मंत्रियों ने लेखकों के सम्मान लौटाने की मंशा पर सवाल उठाए हैं। साथ ही मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन, जिन्होंने कई बैन और फतवे को झेला है, सवाल उठा रही हैं कि ये लेखक तब खामोश क्यों थे जब उनकी किताबों को बैन किया जा रहा था। जहां तक विरोध का सवाल है, तो क्या लेखक दोहरे मापदंड के दोषी हैं? 'हम लोग' में खास बहस इस मुद्दे पर...