चुनावी बॉन्ड की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज पूरी हो गई. इस बहस में सर्वोच्च कोर्ट ने एक बार तो यहां तक कहा कि सभी चुनावी चंदा चुनाव आयोग को ही मिले..और वो पार्टियों की क्षमता के अनुसार बांटे! सवाल ये कि सुप्रीम कोर्ट ने ये क्यों पूछा. CJI की अगुआई वाली संवैधानिक पीठ में तीन दिन तक जोरदार बहस हुई. इसी के दौरान कई बार देश की सबसे अदालत ने सरकार के वकील से पूछा गया कि इस स्कीम से पारदर्शिता बढ़ी है या कम हुई. सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि राजनीतिक चंदा देने वालों के नाम जानने का हक आम जनता को नहीं है. आइये देखते हैं पूरी रिपोर्ट -