बापू की जयंती के दिन बिहार में आज जातीय गणना के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. जो बापू सब जातियों को समानता के भाव से देखते थे, उनके जाने के 73 सालों के बाद भी जाति के नाम पर देश में राजनीति गरमा रही है. Caste Survey के मुताबिक बिहार में पिछडे़, अति पिछडे़ और अनुसूचित जाति की जनसंख्या 80 फीसदी के ऊपर है और अगड़े तो 16 फीसदी से भी कम हैं. जब बीजेपी राम मंदिर और हिंदुत्व की राजनीति कर रही है, तब विपक्षी गठबंधन ओबीसी की जनगणना करने और आरक्षण देने की मांग पर रुख कड़ा करती जा रही है. बीजेपी की राज्य इकाई की सहमति से ये गणना हुई, लेकिन अब BJP के शीर्ष नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि विपक्ष ओबीसी आरक्षण की मांग कर देश में बंटवारे की कोशिश कर रहा है. देखिये बिहार के दो बड़े विश्लेषको कन्हैया बेल्हारी और संतोष सिंह का आंकलन ओबीसी गणना पर -