25 जनवरी की सुबह मोटरसाइकिल पर सवार राजपूत नौजवानों का यह जुलूस देखिए. यह आम तौर पर निकलने वाले जुलूस से अलग है. इस समूह में सिर्फ एक जाति के लोग हैं. आखिर इतने लड़के शून्य से तो नहीं आए हैं. ज़ाहिर है इनके जुलूस को सामाजिक मान्यता भी है यानी मां बाप ने भी कहा होगा कि जा सिमरन जा, अपनी शान के लिए बाइक चला. एक जाति का प्रदर्शन यहीं तक सीमित नहीं है. मुज़फ़्फ़रपुर की एक तस्वीर आपके लिए अनजानी नहीं है. हाथों में तलवार क्यों हैं. क्या आपको लगता है कि ये तलवारें संविधान के सम्मान में निकाली गईं हैं. मुख्यमंत्री लोग कागज़ी आदेश जारी कर रहे हैं कि सख्ती से कार्रवाई करें लेकिन क्या कार्रवाई हो रही है.