ये कोई पहला मौका नहीं है जब हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह को टारगेट किया है लेकिन अब निवेशक और शेयर बाज़ार हिंडनबर्ग के इरादों को बखूबी समझने लगे हैं. इसीलिए इस बार हिंडनबर्ग का रिपोर्ट बम फुस्स साबित हुआ है. अपनी मनगढ़ंत रिपोर्टों की वजह से अब हिंडनबर्ग के इरादों पर ही सवाल उठने लगे हैं. हमारी इस रिपोर्ट में हिंडनबर्ग की कारस्तानियों की पूरी क्रोनोलॉजी को समझिए.