13 अक्टूबर को गाज़ा में ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिससे दो साल से जारी युद्ध और बमबारी के बीच उम्मीद की किरण जगी। हमास ने 20 इज़राइली बंधकों को रिहा किया, और युद्धविराम लागू हो गया। यह डील मिस्र के शहर शर्म अल शेख में साइन हुई, जहां मिस्र ने राफा क्रॉसिंग, स्थिर रिश्तों और राजनीतिक संतुलन के चलते क़तर को पीछे छोड़ते हुए मध्यस्थ की भूमिका निभाई। अब सवाल है—क्या यह शांति टिकेगी या फिर इतिहास में एक और अधूरी कोशिश बनकर रह जाएगी?