लबर्ग सोसायटी बर्बर हत्याकांड का फैसला आने के बावजूद इस बसाहट में जिंदगी नहीं लौट रही है। गुलबर्ग सोसायटी 28 फरवरी 2002 को हुए हत्याकांड के बाद से ही खंडहर बनी हुई है। सभी लोग यह सोसायटी छोड़कर अलग-अलग जगह रहने चले गए हैं। ज्यादातर लोग उस वक्त भी ठीकठाक हैसियत वाले थे, सो कहीं और रहने लगे हैं। कई लोग अपना घर गुलबर्ग में होते हुए भी कहीं और किराये के मकानों में रह रहे हैं।