एशियन चैम्पियनशिप में खोखो में सोने का तमगा जीतने के बाद तीन साल पहले जूही झा जब मध्य प्रदेश के सर्वोच्च खेल सम्मान विक्रम अवॉर्ड से सम्मानित हुईं, तो उनके परिवार के पास इंदौर से भोपाल आने के लिए ट्रेन में रिजर्वेशन करवाने के पैसे भी नहीं थे. जनरल डिब्बे में आईं, अवॉर्ड लिया और चली गईं. जूही नौकरी के लिए पिछले दो साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही हैं.